सतीश ठाकुर
मंडी। शिकारी देवी से बूढ़ा केदार के लिए पैदल निकले नौ श्रद्धालु वीरवार को बारिश और घने कोहरे में रास्ता भटक गए। इनमें महिलाएं और दो बच्चे भी शामिल हैं। एसडीआरएफ, पुलिस, प्रशासन और स्थानीय लोगों ने रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया। शुक्रवार सुबह सभी जंगल की एक गुफा में सुरक्षित मिले।
मंडी के बल्ह क्षेत्र का निवासी जंजैहली स्कूल से सेवानिवृत्त प्रिंसिपल राजेंद्र कुमार अपने परिवार के साथ शिकारी देवी घूमने आए थे। वे जंजैहली में एक होम स्टे में ठहरे थे। गुरुवार को शिकारी देवी के दर्शन किए और एक स्थानीय युवती, जो वहां के पैदल रास्तों की जानकार थी, के साथ गाड़ी से मंदिर पहुंचे। वापसी में जंगल के पैदल रास्ते से बूढ़ा केदार जाने का फैसला किया, लेकिन बारिश व धुंध के कारण रास्ता भटक गए।
शाम पांच बजे होम स्टे मालिक ने राजेंद्र कुमार को फोन किया तो उन्होंने रास्ता भटकने की जानकारी दी। इसके बाद फोन आउट ऑफ रेंज हो गया। देर शाम तक इंतजार के बाद होम स्टे संचालक ने स्थानीय लोगों और पुलिस को सूचना दी। ग्रामीण तुरंत बूढ़ा केदार की ओर खोजबीन के लिए रवाना हो गए।
जंजैहली थाने से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ की टीम ने जंगलों में सघन सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली। प्रशासन ने मंडी से क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) भेजी। लापता राजेंद्र कुमार के मोबाइल की लोकेशन ब्रेयोगी उपतहसील छतरी की ओर दिखी, जिससे सर्च में दिक्कत आई।
रातभर ठंड और बिना आग के गुजारने के बाद सुबह छह बजे सभी बूढ़ा केदार जंगल के दूसरी ओर एक नाले में पहुंचे और गुफा में शरण ली। उनके पास मोबाइल सिग्नल नहीं था। सुबह स्थानीय लोगों ने उन्हें देखा और प्रशासन को सूचित किया। सर्च टीम तुरंत उस दिशा में रवाना हुई और सभी को सुरक्षित बचा लिया।
मानसून की भारी आपदा से शिकारी देवी के जंगली रास्ते बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे धुंध में भटकने का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से जंगली मार्गों पर सावधानी बरतने और गाइड साथ लेने की अपील की है।
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