के के ठाकुर।
हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव टलना तय लग रहा है। प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश जारी किए हैं कि पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव पूरे राज्य में उचित सड़क संपर्क बहाल होने के बाद ही आयोजित किए जाएंगे ताकि आम जनता और मतदान कर्मियों को कोई असुविधा न हो। साथ ही सड़क संपर्क संबंधी समस्याओं के कारण कोई मतदाता अपना मतदान का अधिकार न खो दे। क्षतिग्रस्त सड़कों और सार्वजनिक व निजी संपत्ति की प्रतिकूल स्थिति को ध्यान में रखते हुए, आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत गठित राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष ने यह आदेश जारी किए हैं।
सरकार ने दिया ये तर्क
सरकार ने आदेशों में कहा है कि मानसून 2025 राज्य में व्यापक क्षति पहुंचाई है। राज्य में विभिन्न भारी बारिश के दौरान बड़े पैमाने पर क्षति और नुकसान हुआ है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से 47 बादल फटने, 98 अचानक बाढ़ और 148 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। विभिन्न घटनाओं में 270 लोगों की जान चली गई। इस अवधि में सड़क दुर्घटनाओं में 198 लोगों की मौत हुई। कुल 1817 घर पूरी तरह से और 8323 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। 2025 के मानसून के दौरान कुल 5,426 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अभी भी बहुत नुकसान का आकलन और रिपोर्ट किया जाना बाकी है। इस व्यापक व्यवधान के कारण, पूरा राज्य इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
माैसम भी कारण
चूंकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण मानसून के बाद के मौसम में भी भारी बारिश हो रही है और पोस्ट मानसून के मौसम में भी, अधिसूचित आपदाओं के कारण 13 मौतें हुई हैं। इस अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के कारण 20 लोगों की जान चली गई है। क्योंकि राज्य में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव दिसंबर 2025 और जनवरी, 2026 के महीनों में होने हैं। इस अवधि के दौरान राज्य में भारी बर्फबारी होती है और पूरा राज्य शीत लहर की चपेट में रहता है। इससे साफ है कि पंचायत चुनाव तय अवधि में नहीं होंगे
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